गंजबासौदा: भाजपा नेता संदीप ठाकुर को 10 साल पुराने मामले में 1 साल की सजा, एडीजे कोर्ट ने सजा बरकरार रखी

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गंजबासौदा: भाजपा नेता संदीप ठाकुर को 10 साल पुराने मामले में 1 साल की सजा, एडीजे कोर्ट ने सजा बरकरार रखी


मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की गंजबासौदा विधानसभा से एक बड़ी खबर सामने आई है। 10 साल पुराने मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता और नगर पालिका उपाध्यक्ष संदीप ठाकुर को 1 साल की सजा सुनाई गई है। एडीजे कोर्ट ने जेएमएफसी कोर्ट द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा है और पुलिस को संदीप ठाकुर को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया है।




10 साल पहले हनुमान चौक पर संदीप ठाकुर और उनके साथियों ने हरीश कुमार शर्मा पर लाठी और रॉड से हमला किया था, जिसमें हरीश शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें स्थानीय सिविल अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था। इस मामले में संदीप ठाकुर, बृजेश दांगी और दिनेश शर्मा के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।






नपा उपाध्यक्ष संदीप ठाकुर को जेएमएफसी कोर्ट ने एक साल की सजा और अर्थदंड का फैसला सुनाया था। संदीप ठाकुर ने इस फैसले के खिलाफ एडीजे कोर्ट में अपील की थी, लेकिन एडीजे कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।


संदीप ठाकुर का नाम पहले और बाद में भी कई मामलों में उछलता रहा है। उन पर खुद को पूर्व मंत्री और खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह का रिश्तेदार बताकर प्रशासनिक अधिकारियों पर धौंस जमाने के आरोप भी लगते रहे हैं। हालांकि संदीप ने इन आरोपों को निराधार बताया है। कुछ दिन पहले ही एक युवक ने संदीप द्वारा लाठी-डंडे से मारपीट की शिकायत विदिशा एसपी से की थी। आरोप है कि नगर पालिका उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए संदीप ने युवक को पीटा था।



पीड़ित युवक भूपेन्द्र सिंह राजपूत ने गंज बासौदा थाने में सुनवाई न होने पर विदिशा एसपी ऑफिस में शिकायत की थी। उसने एसपी को अपने जख्म दिखाए और संदीप ठाकुर पर मुख्यमंत्री और मंत्रियों के फोटो के सहारे पुलिस पर दबाव बनाकर केस दर्ज करने से रोकने का भी आरोप लगाया था।



यह मामला भाजपा नेता संदीप ठाकुर की राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एडीजे कोर्ट का फैसला न्याय की जीत है और यह संदेश देता है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।

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