शिव की पूजा के क्या लाभ

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शिव की पूजा के क्या लाभ

 


बेगमगंज.गंभिरिया में चल रहे रुद्राभिषेक के तृतीय दिवस में पं कमलेश कृष्ण शास्त्री ने कहा सनातन धर्म में भगवान शिव को सर्वशक्तिमान माना गया है। इनकी तुलना किसी अन्य देवता से नहीं की जा सकती। सृष्टि की रचना करने वाले भगवान विष्णु भी इनकी अराधना करते हैं। माना जाता है कि संसार पर जब घोर संकट आता है तो सभी देवी देवता भगवान शिव के ही शरण में जाते हैं। शिव ही अविनाशी, सर्वगुणाधार, सर्वज्ञ हैं, जो मंगलमय है वही शिव हैं। धरती पर सुख, समृद्धि व संपन्नता भगवान शिव की ही देन है। कहते हैं जब भगवान विष्णु ने धरती पर प्रभु श्रीराम का अवतार लिया तो उन्होंने शिव जी की ही आराधना की। इसी प्रकार जब भगवान कृष्ण जी धरती पर आए तो उन्होंने भी शिव को ही सर्व व्यापक बतलाया।

हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं में भगवान शिव को प्रसन्न करना सबसे आसान भी है और कठिन भी। शिवजी फल, प्रसाद के इतर एक लोटा जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि मुनियों समेत रावण को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कड़ा तप करना पड़ा था। शास्त्रों में भी शिव पूजा को बहुत खास माना गया है। मान्यता है कि भोलेनाथ प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना को शीघ्र पूरा कर देते हैं। शिव जी की पूजा से कई जन्मों का फल प्राप्त होता है। कन्याएं 16 सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव की अराधना करती हैं तो उन्हें उनकी पसंद के अनुसार शादी के लिए वर मिलता है।

शिव जी की पूजा विधि

हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि स्वच्छ तन व मन से ही भगवान की अराधना करनी चाहिए।इसी प्रकार आप सुबह घर पर या शिव मंदिर जाकर भगवान की पूजा कर सकते हैं।सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद कच्‍चा दूध या गन्‍ने का रस अर्पित करें।इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें। इस मंत्र का जाप आप श्रद्धानुसार 11, 21, 51 या फिर 108 बार कर सकते हैं।पुन: शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और फूल, अक्षत, धतूरा व बेलपत्र अर्पित कर धूपबत्‍ती और दीपक जलाएं।इसके बाद भोलेनाथ की आरती पढ़ें और भोलेनाथ से पूजा अर्चना में हुई भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। साथ ही अपने कष्टों को दूर करने व सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।शिव साधना सभी मनोरथ पूरे करने वाली मानी गई है। मान्यता है कि जो कोई भक्त सच्चे मन से रोजाना महादेव की पूजा करता है, उस पर भगवान कृपा बरसाते हैं और उसके जीवन में आ रही सारी अड़चनों को दूर कर देते हैं।भगवान भोलेनाथ को मृत्युंजय भी कहा जाता है। इनकी साधना से व्यक्ति पर आया बड़े से बड़ा संकट टल जाता है।नियम अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाने व भगवान शिव की अराधना करने से आर्थिक स्थिति ठीक हो जाती है। जीवन में पैसों की समस्या कभी नहीं रहती।शिव पुजा से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है।मान्यता है कि भगवान शिव की साधना से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।माना जाता है कि जिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति नहीं होती, वह अगर नियमित रूप से शिव पूजा करती हैं तो उनकी सूनी गोद भर जाती है। संतान की प्राप्ति के लिए भक्त सावन के महीने में दूध में चंदन मिलाकर शिव की साधना करते हैं। शंभूनाथ कहे जाने वाले भगवान शिव को आरोग्य का देवता भी माना जाता है। भक्त जीवन भर आरोग्य के सुख के लिए बाबा वैद्यनाथ की विशेष रूप से पूजा करते हैं।भगवान शिव कल्याण के भी देवता कहे जाते हैं। इनकी साधना से भक्त को जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती। शिव पूजा से भक्तों में आत्मबल भी आता है

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