हाथ ठेले बने नगर के विकास की राह में रोड़ा।

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हाथ ठेले बने नगर के विकास की राह में रोड़ा।

इनकी वजह से नहीं बदल पाए नगर के मुख्य स्थानों की तस्वीरें कई बार हुए प्रयास

आशीष पांडे 

 सिलवानी एमपी. सिलवानी नगर कई वर्षों से अतिक्रमण आवाजाही में असुविधा को झेल रहा है नगर के मुख्य सड़क मार्ग, बजरंग चौराहा से गांधी आश्रम तक नगर में हाथ ठेलो टप गुमठियो से पटे हुए हैं। सिलवानी सड़क पर आकर ग्राहक को जल्दी हथियाने के चक्कर में फल वा सब्जी विक्रेता हाथ ठेलो को सड़क पर लगाते हैं, जिससे वहां चार पहिया तो छोड़िए दो पहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल होता है, पहले भी कई बार प्रशासनिक महकमे ने स्थितियों को सुधारने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा। प्रशासन की अनदेखी होते ही यह फिर से सड़कों पर आ जाते हैं और इनसे कई निजी स्थानीय दुकानदार जो अपनी सीमा में रहकर व्यापार करना चाहते हैं उनको बड़ी क्षति पहुंचती है इन प्रतिष्ठानों तक ना ही ग्राहक पहुंच पाते हैं और ना ही वाहन ।

शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल एवं छात्रावास

शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल के बाहर भी चाय नाश्ते की चौपाटी, पान सिगरेट के टॉप लगे हुए हैं जिससे स्कूलों तक छात्र-छात्राओं को पहुंचने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है साथ ही सड़क सकरी होने की वजह से और अतिक्रमण की वजह से दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। छात्रावास जहां छात्राएं निवास करती हैं,वह भी अतिक्रमण से घीरा हुआ है और मनचलों की पनागर बना रहता ।अतिक्रमण का कारण कम लागत - में ज्यादा मुनाफा कमाने की चाह और कम लागत से नगर के मुख्य स्थानों की जगह पर कब्जा कर किराए से देकर कमाई करने की चाहत में कई जगह गैर जरूरतमंद लोगों का अतिक्रमण रखा हुआ है जिसे किराए से देकर घर बैठे रकम वसूल की जा सके साथ ही कई हाथ ठेले भी एक ही व्यक्ति द्वारा किराए पर देकर लगवाए जा रहे हैं। और फल विक्रेता लगभग 2, 3 हजार की लागत लगाकर लगभग 6 गुनी दुगनी कमाई करते हैं।



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